Ena Haiye Pan Na Jane Lahay si Lagi Hase Gujarati Gazal By Gani Dahiwala
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Ena Haiye Pan Na Jane Lahay si Lagi Hase Gujarati Gazal By Gani Dahiwala |
एना हैये पण न जाणे ल्हाय शी लागी हशे ?
फागणे ज्यां फूलगुलाबी ओढणी दागी हशे !
भरवसंते कोण रागी, कोण वैरागी हशे ?
प्रकृतिए पारखुं करवा शरम त्यागी हशे ?
ए रीते झबकीने दिलनी झंखना जागी हशे !
ऊंघती राधा हशे ने वांसळी वागी हशे !
श्वास अलगारी हशे, उच्छवास वरणागी हशे;
जयारे मीठी मूंझवण मनमां थवा लागी हशे.
मय हशे मुस्ताक मारी आंखनी मस्ती विशे;
जामने पण मारा होठोनी तरस लागी हशे.
आ ह्रदय जंपे, नहोतां कोई एवां कारणो;
एनी शाता काज दुनियाए दुआ मागी हशे.
ज्यां तमन्ना त्यां ज निष्फळता य ढांके छे ‘गनी’,
होय ज्यां हैयुं, तो हैये चोट पण लागी हशे.
-’गनी’ दहींवाळा
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Famous Gujarati Gazal
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