Mousam Bhale Badle Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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Mousam Bhale Badle Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
मौसम भले बदले छता तारो चाहक कयां बदले छे
रब होय के ना होय पण,दिलनी शासक कयां बदले छे
बे रंग छोने होय आ दुनियाना लोको तो शुं?
तारीज चाहतना रंगोनी ए छालक कयां बदले छे
इश्वर भले ना होय तो पण लोको पूजे छे एने
नें झंखना तारी ज करतो आ भावक क्यां बदले छे
मळशे नही मारी "धवलश्यामांनां" रंगोनी चाहत
ने चांदनी राते सफेदीनो आ साधक कयां बदले छे
तारा प्रतापे हुं गझल काव्यो लखतो आव्यो जोने
तुं जोइ ले मारी गझलनो ए ग्राहक कयां बदले छे
ए तार झंझोडे सदा तारी चाहतनो वादक हुं
ने लागणी झंझोडतो तारो वादक क्यां बदले छे
समजो महोतरमा तमे दिलनां उठती उर्मिओने
परखो,चकासी लो मने..तारो आशक क्यां बदले छे
(नरेश के.डॉडीया)
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Gujarati Gazals
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