Bus Ek Jamagari Chapvani Hoi Che Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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Bus Ek Jamagari Chapvani Hoi Che Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
बस एक जामगरी पछी चापवानी होय छे
खुद जात ज्यारे आपणे बाळवानी होय छे
हळवे रहीने आपणा ए बनी जाशे पछी
मीठाश माणस जोइने चाखवानी होय छे
एने सदा आंबा अने आंबली देखाडजे
जे मानवी नी वात ना मानवानी होय छे
तूटी गयेला श्वासने सांधवाथी शुं वळे?
तूटी भले पण जिंदगी जीववानी होय छे
खाली पणाना भारमां क्या सुधी तुं जीवशे?
एकांतमा ए पळ सदा थामवानी होय छे
हाजर थवुं गमतुं नथी जे जगाए कोइने
गमती नथी एवी रसम फाववानी होय छे
भोळी गणीने लागणीनी जातने साचवी
छणका करे छे तोय बुच कारवानी होयछे
कोणे कहयु आखो दिवस यादमा लखतो रहे?
मारे "महोतरमाने" बस चाहवानी होय छे.
-नरेश के.डॉडीया
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Gujarati Gazals
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