धरमुळथी बदली नाखवुं आसान थोडुं छे? Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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धरमुळथी बदली नाखवुं आसान थोडुं छे? Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
धरमुळथी बदली नाखवुं आसान थोडुं छे?
एनी कमीमां जीववुं आसान थोडुं छे?
वडवाइ थइ फेलाइ छे चाहत अमारी जयां
चाहतमां वड थइ ऊगवुं आसान थोडुं छे?
मारी फरज मानी छे खूशी आपवानी छे
दुख ए ज जणने आपवुं आसान थोडुं छे?
जाहेरमां एवुं घणुं बोल्यो नथी क्यारेय
ए खानगीमा राखवुं आसान थोडुं छे?
ए मौनने हथियार जाणी वापरे त्यारे
त्या शब्दनुं धर बांधवुं आसान थोडुं छे?
ज्यां हुंफ साथे स्मितनो सहवाश मळवानो
उन्मादने त्यां टाळवुं आसान थोडुं छे?
कोइए तरछोड्या पछी सामे नथी जोता
एनुं जिवन दीपाववुं आसान थोडुं छे?
ताजी फसल जाणीने यादो साचवी राखी
बगडी गयेलुं राधवुं आसान थोडुं छे?
ए स्मित पर कायम मरी पडवुं गमे दोस्तो
सामेथी जइने मांगवुं आसान थोडुं छे?
जोइ शकातुं होय आंखोथी आंख मीलावी
मन मानवीनुं जाणवुं आसान थोडुं छे?
मारी “महोतरमाने” चाही सत्य ए जाण्युं
कोइ बीजाने चाहवुं आसान थोडुं छे?
-नरेश के.डॉडीया
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