एनां सिवाई कोईने चाही नथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia
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एनां सिवाई कोईने चाही नथी Gujarati Gazal By Naresh K. Dodia |
एनां सिवाई कोईने चाही नथी
ए भूल छे तोये में स्वीकारी नथी
सुंदर वदन लाखो अहीं हसता मळे
लाख उपायो बाद ए फावी नथी
चोमेर फेलायेल छे अजवाळुं तोय
तारा सिवाइ रोशनी मांगी नथी
झाकळ फूलोने भरबपोरे छोडशे
संबंधमां सच्चाइ आ जाणी नथी
तारीने मारी वचमां कोइ ना हतुं
तारी बधी वातो कदी मानी नथी
तारी हकीकतने हुं स्वीकारी शकुं
एवी रूपाळी मावजत आपी नथी
ए प्रेममां चकचुर बनी काव्यो रचे
कोइने माटे रात पण जागी नथी
ए तोर करती होय तो करवा दे ने
ए स्त्री छे तारी कोइ ए दासी नथी
पाछा गया शायद कदी पाछा फरे
तु राह ताके लत हवे सारी नथी
मारी “महोतरमांनुं” शुं करवुं हवे
एनाथी कोइ स्त्री अहीं शाणी नथी
-नरेश के.डोडीया
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