ईश्क कां बस फलसफा ईतना है Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
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ईश्क कां बस फलसफा ईतना है Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
ईश्क कां बस फलसफा ईतना है
रह के जिंदा लगतां है मरना है
ढुंढता है जो जमाने से तुं
वो ही कलमां हुं तुम्हे पढना है
जब भी मिल के हम जुदां होते है
मिल के भी लगता नही मिलना है
शाम ढल जाए वो आए भी नहि
घर कां रास्ता देख के मुडना है
इश्क मे जित हार सी लगती है
यह हकीकत है उसे बनना है
खार की परवा कभी मत करनां
गुल की खातिर राह में चलना है
तुम को में जब ध्यान से देखुं तो
लगता है की चांद तो गहनां है
यार जो करते हैं तुम्हारी बाते
जो सुनां नां था वो अफसाना है
कयुं महोतरमां है सहमी सहमी
तेरा रुठे रहनां बस बहाना है
- नरेश के. डॉडीया
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Hindi Gazals
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