ईश्क कां बस फलसफा ईतना है Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
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ईश्क कां बस फलसफा ईतना है Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
ईश्क कां बस फलसफा ईतना है
रह के जिंदा लगतां है मरना है
तुम को में जब ध्यान से देखुं तो
लगता है की चांद तो गहनां है
– नरेश के. डॉडीया
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Muktak
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