इक हलफनांमां सरा-जाहेर आना चाहिए Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
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इक हलफनांमां सरा-जाहेर आना चाहिए Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
इक हलफनांमां सरा-जाहेर आना चाहिए
आप मेरे हो हकीकत अब बताना चाहिए
रोज रास्तां भूल के मिलने तुझे आता हुं यार
कयुं नही कहते तुम्हे घर अपने जाना चाहिए
– नरेश के. डोडीया
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Muktak
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