हदसे भी ज्यादा तुम तकाजा मिलने का ना करो Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
![]() |
हदसे भी ज्यादा तुम तकाजा मिलने का ना करो Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
हदसे भी ज्यादा तुम तकाजा मिलने का ना करो
मेरी यही फरियाद कां मुझ से गिला ना करो
जो दिल नां कहे ऐसा कभी कुछ भी किया ना करो
देखो मगर दिल जो कहे उस को निहां ना करो
सब काम चोपट करती है तेरी मुलाकात रोज
मेसेज कर के तंग मुझ को युं किया ना करो
सब मशवरां अपनी समजदारी से देंगें तुम्हे
अपनी गजल मे इश्क की बाते लिखा ना करो
चारो तरफ देखो हवां कैसी चली है यहां
बारिस का मौसम है यादो से राबता ना करो
ना तो दवां है ना जहर है इश्क की बुंद भी
ये अमृत है मेरी तरह उस को पिया ना करो
अब रोशनी फैला के मे तो राख सा हो गयां
दहलिज पे रातो को मुझे कोई रखा ना करो
मेरी दुआ नाकाम अब जाती नही है कभी
किस के लिए मांगी थी रबजी अब पूछा ना करो
मेरी महोतरमा से भी रखनी है दूरी मगर
तुम इश्क में दिमाग की बातो सुनां ना करो
– नरेश के.डॉडीया
Labels:
Hindi Gazals
No comments:
Post a comment