मुझको अगर मांगो तो मैं गुलाब हूं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
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मुझको अगर मांगो तो मैं गुलाब हूं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
मुझको अगर मांगो तो मैं गुलाब हूं
चख लो अगर मुझको तो मैं शराब हूं
लाखो हसीना मुझपे मरती हैं यहाँ
शायर भी में इतना ही लाजवाब हूं
- नरेश के.डोडीया
Labels:
Muktak
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