सब परिंदे रात में उडने को राजी हो गए है Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
![]() |
सब परिंदे रात में उडने को राजी हो गए है Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
सब परिंदे रात में उडने को राजी हो गए है
सब शिकारी रात होते ही शराबी हो गए है
सांप बनके रेंगती रहती थी हसरत दिलमे मेरे
तब से ये अलफाज मेरे भी मदारी हो गए है
- नरेश के. डोडीया
Labels:
Muktak
No comments:
Post a comment