मैं उस जगह पे बरसो से खड़ा हूं Hindi Kavita By Naresh K. Dodia
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मैं उस जगह पे बरसो से खड़ा हूं Hindi Kavita By Naresh K. Dodia |
मैं उस जगह पे
बरसो से खड़ा हूं
जहाँ से सिर्फ तुं
नज़र आती है
हां!
यह वही जगह है
जहाँ से सब लोग
मुसाफ़िर की तरह
गुज़रते हैं
- नरेश के. डोडीया
Labels:
Hindi Kavita
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