जुबा पे तेरी जब दास्तान आती हैं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
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जुबा पे तेरी जब दास्तान आती हैं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
बा पे तेरी जब दास्तान आती हैं
मेरे होठो पे नइ मुस्कान आती हैं
मै रातो को गहरी नींद सोता और
कहीं से यादो की बारात आती हैं
- नरेश के. डोडीया
Labels:
Muktak
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