लहजे में तेरे जो थकान हैं Hindi Gazal By Naresh K. Dodia
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लहजे में तेरे जो थकान हैं Hindi Gazal By Naresh K. Dodia |
लहजे में तेरे जो थकान हैं
शायद वो मेरा इंतज़ार हैं
मेरी गजल भी बोलती है आज
शायद वो दिल की इक जुबान हैं
वो चाँद जलता हैं तुम्ही से रोज
कयुं की चहेरे पे ईक दाग हैं
दास्ता तुझे अपनी सुनानी हैं
कयुं की तुम्हारी उस में बात हैं
बाते बनाना शीख गई हो तुम
सच में तुम्हें मुझ से ही प्यार है?
है जिंदगी की कुछ पले उदास
तेरे बिना गुजरी जो शाम है
मेरी महोतरमां जरा सुनो
मेरी गजल की तुम तो जान है
- नरेश के. डोडीया
Labels:
Hindi Gazals
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