बरसती आंख मेरी देखकर जो शख्स हसतां हैं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia
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बरसती आंख मेरी देखकर जो शख्स हसतां हैं Hindi Muktak By Naresh K. Dodia |
बरसती आंख मेरी देखकर जो शख्स हसतां हैं
वो लोगो से भी कहेतां है मुझ से प्यार करतां हैं
हमारी शायरी को बकवाश कहेतां थां वो अकसर
मगर मेरी गजल पढ़ के सनम को खूश रखतां है
- नरेश के.डॉडीया
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Muktak
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